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चंद्रयान-3 से अलग हुआ विक्रम लैंडर, अलग होने के बाद विक्रम लैंडर ने चंद्रयान को कहा “ थैंक यू दोस्त”

नई दिल्ली: इसरो ने चंद्रयान – 3 के लैंडर को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया है। 17 अगस्तक दोपहर करीब 1:15 बजे दोनों को एक दूसरे से अलग किया गया। अब आगे का सफर विक्रम लैंडर अकेला ही तय कर रहा है। इसरो के मुताबिक आने वाले 6 दिन लैंडिंग के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि यहाँ लैंडर को कई अहम पड़ाव काफी तेजी से पार करने हैं। इसके अलावा इसरो ने ये भी जानकारी दी है कि विक्रम लैंडर से अलग हुआ प्रोपल्शन मॉड्यूल अगले कई सालों तक पृथ्वी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां इसरो को देता रहेगा। साथ ही पृथ्वी के वायु मंडल का स्पेक्ट्रोस्कोपिक अध्ययन करने के लिए जानकारी भेजेगा। इसके अलावा पृथ्वी बादलों के बनने और उनकी दिशा की सटीक जानकारी भी प्रदान करेगा।

विक्रम लैंडर ने चंद्रयान का कहा – Thank You

यहां एक बात और रोचक है कि प्रॉपल्शन से विक्रम लैंडर अलग हुआ तो उसके तुरंत बाद इसरो ने ट्वीट किया। इस ट्वीट में इसरो ने विक्रम लैंडर की तरफ से प्रॉपल्शन मॉड्यूल को धन्यवाद दिया। इसरो ने ट्वीट किया “यहां तक छोड़ने के लिए शुक्रिया दोस्त”।

प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने के बाद अब क्या होगा?
इसरो के मुताबिक प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर को चंद्रमा की तरफ जाने वाले रास्ते में अभी की कक्षा से 90 डिग्री का एक टर्न लेना है।इस वक्त लैंडर की रफ्तार बहुत तेज है। टर्न लेने के बाद भी चुनौतियां खत्म नहीं होंगी क्योंकि इसके बाद जब लैंडर चंद्रमा की सीमा में प्रवेश करेगा उस समय भी उसकी रफ्तार काफी ज्यादा होगी। ऐसे में वैज्ञानिक लैंडर की डी-बूस्टिंग करेंगे।

क्या होती है डी-बूस्टिंग?
जब लैंडर 90 डिग्री का टर्न लेने के बाद चांद की सतह की तरफ चलेगा और जब उसकी दूरी 30 किमी से कम रह जाएगी तो उसकी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए उसकी रफ्तार कम करना बेहद जरूरी होगा। अगर वैज्ञानिक लैंडर की रफ्तार कम करने में सफल हो जाते हैं तो सॉफ्ट लैंडिंग आराम से हो जाएगी और यह मिशन सफल हो जाएगा। लैंडर के लैंड होने के बाद इससे रोवर निकलेगा और वह रोवर ही चंद्रमा की सतह पर अगले 10 दिनों तक कई अहम चीजों की जानकारी इसरो को भेजेगा।

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