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नंदिनी दूध पर कर्नाटक की राजनीति में फिर मचा बवाल, सामने आया धार्मिक रंग

बेंगलुरु: कर्नाटक में नंदिनी दूध के मुद्दे को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को घेरा था और अमूल ब्रांड के प्रदेश में लाने से स्थानीय नंदिनी डेयरी ब्रांड को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया था। बीजेपी अब उसी मुद्दे पर कांग्रेस पर हमलावार हो गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कांग्रेस पर हिंदू मान्यताओं और भक्ति के प्रति उदासीनता के कारण तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को नंदिनी घी की आपूर्ति रोकने का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि टीटीडी विश्व प्रसिद्ध तिरूपति लड्डू बनाने के लिए घी का टेंडर जारी करता है, जो भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

पार्टी नेता सीटी रवि ने यह भी दावा किया है कि राज्य सरकार ने नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाकर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ), जो इस ब्रांड का मालिक है, उसको बोली की प्रक्रिया से दूर कर दिया है। हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि टीटीडी को नंदिनी घी की आपूर्ति पिछले डेढ़ साल से नहीं हुई है और कतील से पूछा कि क्या भाजपा, जो उस समय सत्ता में थी, ‘हिन्दू भक्ति विरोधी’ है? आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, कर्नाटक कैबिनेट ने केएमएफ को 1 अगस्त से नंदिनी दूध की कीमत ₹3 प्रति लीटर बढ़ाने की अनुमति दी थी। भाजपा नेता सीटी रवि ने कहा कि इससे नंदिनी के लिए टीटीडी को पहले की कीमत पर दूध की आपूर्ति करना असंभव हो गया है।

केएमएफ के अध्यक्ष भीमा नायक ने कहा कि नंदिनी ब्रांड अपनी गुणवत्ता के लिए शुरू से जाना जाता रहा है और कीमत पर कोई समझौता नहीं कर सकता। इसीलिए संगठन ने निविदा प्रक्रिया से बाहर रहने का विकल्प चुना है। आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले अप्रैल में, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने कहा था कि अगर अमूल राज्य के बाजार में प्रवेश करेगा तो नंदिनी ब्रांड खतरे में पड़ जाएगा। पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर कर्नाटक को ‘लूटने’ का आरोप लगाया था।

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