लालकुआँ–तराई में हाथियों और लेपर्ड का कहर चरम पर
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, वन विभाग पर लापरवाही के आरोप*

जिला ब्यूरो चीफ:- मनोज कांडपाल
स्थान – नैनीताल
- ग्रामीण इलाकों में वन्यजीव गतिविधियाँ बढ़ीं — दहशत में रातें
हरिपुर बच्ची, भानदेव, नवाड़, राधा बंगर, गंगापुर, गोपीपुरम व बच्चीधर्मा में हाथी व लेपर्ड की मूवमेंट तेज।
शाम ढलते ही हाथियों का झुंड गांवों में सक्रिय, ग्रामीणों की नींद उड़ी।
महिलाएँ-बच्चे अंधेरा होने पर घरों से बाहर निकलने से डर रहे।
- फसलों का भारी नुकसान — सैकड़ों एकड़ जमीन बर्बाद
किसानों का दावा: हाथियों ने बड़े पैमाने पर फसलें कुचल डालीं।
खेतों व घरों के पास तक हाथियों का आना सामान्य हो गया।
लेपर्ड की बढ़ती गतिविधि ने खतरे को और बढ़ाया।
- हाथी प्रभावित क्षेत्रों का DFO ने किया दौरा
DFO उमेश चंद्र तिवारी ने हरिपुर बच्ची, भावदेव, नवाड़, राधा बगर व आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया।
ग्रामीणों से बातचीत कर नुकसान और हालिया घटनाओं की रिपोर्ट ली।
- ग्रामीणों ने रखी माँगें — सुरक्षा और राहत प्रमुख मुद्दा
सोलर फेंसिंग दुरुस्त कराने की माँग।
जंगल क्षेत्र में खाई निर्माण,
रात में गश्त बढ़ाने,
मुआवजा प्रक्रिया तेज करने की अपील।
ग्रामीणों ने कहा: “कागज़ी कार्रवाई नहीं, ज़मीन पर काम चाहिए।”
- बजट विवाद पर विभाग घिरा — ‘सरकारी दावे’ बनाम ‘जमीनी सच’
सरकार का दावा: “बजट की कोई कमी नहीं, सभी कदम उठाए जा रहे हैं।”
*लेकिन DFO ने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों को बताया—“बजट सीमित है।”
विरोध बढ़ा, ग्रामीण बोले—“अगर बजट है तो काम क्यों नहीं दिख रहा?”
- ग्रामीणों में बढ़ा आक्रोश — वन विभाग पर लाचारी के आरोप
ग्रामीणों का आरोप: विभाग असफल प्रयोगों को उपलब्धि बताकर गुमराह कर रहा।
“समस्या हर साल बढ़ रही है, समाधान आज तक नहीं आया।”
- आंदोलन की चेतावनी — संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर
ग्रामीण बोले: “यह सिर्फ शुरुआत है, राहत नहीं मिली तो आंदोलन जिला से प्रदेश स्तर तक जाएगा।”
मानव–वन्यजीव संघर्ष पर सरकार और विभाग की नीतियों पर सवाल खड़े।
