मणिपुर मामले को लेकर 31 सांसदों ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन, खरगे बोले- PM दें जवाब
दिल्ली: मणिपुर हिंसा मामले को लेकर विपक्ष को 31 सांसदों ने वुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकार की और एक ज्ञापन सौंपा। अपने इस ज्ञापन में सांसदों ने मांग की है कि इस मामले को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी संसद में सवालों के जवाब दें। राष्ट्रपति भवन में वापस लौटने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन का भी आयोजन किया गया,जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “आज, भारत गठबंधन के 31 नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर राष्ट्रपति से मुलाकात की। हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा है।”
साथ ही खरगे ने ये भी कहा-हमने राष्ट्रपति को बताया कि किस तरह से मणिपुर में लोगों के पास खाना नहीं है, पानी नहीं है, बीमार लोगो के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हमने बताया कि वहां किस तरह की घटनाएं हो रही हैं। खास तौर पर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के बारे में राष्ट्रपति को बताया। राष्ट्रपति जी ने कहा कि वो इसे ज़रूर देखेंगी।
वहीं केंद्रीय मंत्री कौशल ने कहा “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में स्पष्ट रूप से कहा कि हम मणिपुर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, विपक्ष संसद में चर्चा नहीं होने देना चाहता और हंगामा कर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।” आपको बता दें कि मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत 60 नोटिसों को सभापति के सामने चर्चा के लिए रखा गया, जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया। सभापति के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया।
सदन में पीएम की मौजूदगी की विपक्ष की मांग पर राज्यसभा सभापति का कहना है कि सभापति की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किया जाएगा – “मैं वह निर्देश नहीं दे सकता। मैं नहीं दूंगा…”