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आईटी सेक्रेटरी एस कृष्णन ने कहा है कि फिलहाल सरकार की प्राथमिकता एआई में इनोवेशन पर है, रेगुलेशन पर नहीं। नया कानून तभी आएगा जब जरूरत महसूस होगी। 

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव (आईटी सेक्रेटरी) एस कृष्णन ने बुधवार को कहा कि फिलहाल सरकार की प्राथमिकता एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में इनोवेशन पर है, रेगुलेशन या नया कानून तभी आएगा जब जरूरत महसूस होगी। आईटी सेक्रेटरी ने कहा कि सरकार चाहती है कि एआई का इस्तेमाल लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा फायदे पहुंचाने में हो। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा- “अभी रेगुलेशन नहीं, इनोवेशन हमारी प्राथमिकता है। एआई में इनोवेशन के लिए काफी स्पेस है। लेकिन अगर कभी रेगुलेशन की जरूरत पड़ी तो सरकार पीछे नहीं हटेगी”

उन्होंने ये बात इंडियाएआई गवर्नेंस गाइडलाइंस रिपोर्ट लॉन्च करते समय कही। ये रिपोर्ट बताती है कि एआई को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कौन-सी स्ट्रैटेजी और सिद्धांत अपनाने चाहिए। कृष्णन ने कहा कि रिपोर्ट सरकार के स्टैंड को सपोर्ट करती है और अभी कानून बनाने की कोई जल्दी नहीं महसूस होती “हम ह्यूमन-सेंट्रिक अप्रोच पर फोकस कर रहे हैं और मुझे खुशी है कि ये सिद्धांत गाइडलाइंस में शामिल हैं। ये रिपोर्ट भारत के लिए बहुत अहम होगी और ये दिखाती है कि हमारा फोकस इनोवेशन पर है” उन्होंने ये भी कहा कि इनोवेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार लोगों को एआई से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। 

सब-कमेटी ने एआई गवर्नेंस के लिए 7 सिद्धांत सुझाए हैं: भरोसा, पीपल-फर्स्ट अप्रोच, इनोवेशन ओवर रिस्ट्रेंट, निष्पक्षता और समता, जवाबदेही, यूजर्स और रेगुलेटर्स के लिए क्लियर डिस्क्लोजर और एक्सप्लेनेशन, सेफ्टी, रेजिलिएंस और सस्टेनेबिलिटी के एलिमेंट्स फॉलो करना।

आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर बी रविंद्रन की अगुवाई में बनी पैनल ने कई ऐसे स्टेप्स सुझाए हैं जो सरकार पहले से फॉलो कर रही है, साथ ही एआई के कॉन्टेक्स्ट में कुछ फाइन-ट्यूनिंग भी की है। पैनल ने एआई सुरक्षा के शॉर्ट टर्म उपाय के रूप में जो नियम सुझाए गए हैं वो ये हैं: गवर्नेंस इंस्टिट्यूशंस सेट करना, इंडिया-स्पेसिफिक एआई फ्रेमवर्क बनाना, लीगल अमेंडमेंट्स सुझाना, इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई सेफ्टी रूल्स की पहुंच बढ़ाना।

पैनल ने एआई सुरक्षा के शॉर्ट टर्म उपाय के रूप में जो नियम सुझाए गए हैं वो ये हैं: कॉमन स्टैंडर्ड्स पब्लिश करना, कानून और रेगुलेशन में बदलाव करना, एआई इंसीडेंट सिस्टम्स शुरू करना, रेगुलेटरी सैंडबॉक्सेस पायलट करना

पैनल ने ये भी कहा कि सरकार को क्षमता विस्तार, स्टैंडर्ड सेटिंग और फ्रेमवर्क अपडेट करते रहना चाहिए और नए जोखिम और क्षमता के हिसाब से नए कानून ड्राफ्ट करने चाहिए। प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर अजय सूद ने कहा कि सभी मंत्रालय और इंडस्ट्रीज को मिलकर एआई में इनोवेशन और सुरक्षित करने पर काम करना होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी अभिषेक सिंह ने बताया कि ये सिफारिशें सार्वजनिक परामर्श और 650 कमेंट्स की स्क्रीनिंग के बाद आए हैं।

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